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जनरंजन : कांग्रेस नेताओं का किरोड़ी के घर जाना यूं ही तो नहीं, चुनावी राजनीति है

मीणा समाज की बच्ची डिंपल मीणा के प्रकरण में कांग्रेस के बड़े नेता अचानक से कृषि मंत्री व समाज के बड़े नेता किरोड़ीलाल मीणा के घर पहुंच गये। तब से ही प्रदेश की सियासत गर्माई हुई है। दोनों तरफ से ये कहा जा रहा है कि सामाजिक स्तर पर इस मामले में परस्पर सहयोग की बात पर मुलाकात हुई मगर लोग यही मान रहे हैं कि ये राजनीतिक कदम है और इसका जुड़ाव निकट समय मे होने वाले विधानसभा उप चुनाव से है।


दरअसल किरोड़ी बाबा के कारण इसे राजनीतिक मुलाकात माना जा रहा है। बाबा को मंत्री पद से इस्तीफा दिए हुए तीन माह होने को आये हैं मगर अभी तक भी मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा भी बाबा को दिल्ली बुलाकर बात कर चुके। मगर न तो उनका इस्तीफा स्वीकार हुआ है और न ही बाबा ने मंत्री का काम संभाला है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ सहित अन्य नेता लगातार पूछने पर ये जवाब देते हैं कि वे जल्दी ही मंत्री का काम संभालेंगे। वे उप चुनाव में पार्टी का प्रचार करेंगे। वे पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता है।
वहीं दूसरी तरफ बाबा लगातार कह रहे हैं कि वे मंत्री पद छोड़ चुके। एक बार तो उन्होंने ट्वीट भी किया कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाये पर वचन न जाई। हालांकि बाबा ये भी कहते हैं कि उनको पार्टी, राज्य सरकार व मुख्यमंत्री से कोई शिकायत नहीं है। मगर अपने बयानों में वे सरकार के कई काम के खिलाफ भी बोलते नजर आते हैं। जब कांग्रेस नेता उनसे मिलकर गये तो उन्होंने प्रेस से बातचीत में कहा कि मैंने कांग्रेस शासन के समय के जिन अफसरों के खिलाफ आवाज उठाई, उनको अभी तक नहीं बदला गया है। बाबा ने डिंपल प्रकरण में कहा कि यदि समाज चाहता है तो मैं सीएम से मिलकर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी करूंगा। हालांकि मैं पुलिस की जांच से संतुष्ट हूं। बाबा ने इस मामले में सीएम से मिलने का समय भी मांगा।


मगर राजनीति तो कांग्रेस के स्टेप में दिखती है। कांग्रेस की तरफ से सांसद हरीश मीणा, सांसद भजनलाल जाटव, उप नेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा सहित कई समाज के नेता बाबा से मिलने गये थे। वे चाह रहे थे कि समाज की मांग सीबीआई जांच की है और बाबा उसमें मदद करे। बाबा ने सहयोग की बात भी कही। दरअसल दौसा, देवली उणियारा, सलूम्बर व चौरासी विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होना है और यहां मीणा समाज का बड़ा वोट बैंक है। बाबा का प्रभाव भी है। कांग्रेस के लिए दौसा, देवली उणियारा प्रतिष्ठा की सीटें हैं। वो हर हाल में इनको जीतना चाहती है। इसी कारण डिंपल यादव के मामले को वो जिंदा रखना चाहती है। ये सीबीआई के पास जांच जाने से ही सम्भव है। बाबा को लेकर कांग्रेस वैसे भी सॉफ्ट है। हरीश मीणा, मुरारीलाल मीणा व सचिन पायलट ने लोकसभा चुनाव व उसके बाद कभी भी बाबा को लेकर कड़ा बयान नहीं दिया। अब तो सामाजिक मामले में खुद जाकर सहयोग भी मांग लिया। इसका मीणा वोटर में अलग संदेश जायेगा।


कुल मिलाकर कांग्रेस पूरी तरह से विधानसभा उप चुनाव की बिसात बिछा रही है। भाजपा कोई निर्णय नहीं कर पा रही है। वो दोराहे पर ही है। यदि अभी इस्तीफा बाबा का स्वीकार होता है तो गलत मैसेज जायेगा, नहीं स्वीकार होता है तो असमंजस बना रहेगा। कुल मिलाकर कांग्रेस ने बाबा के जरिये राजनीति की बिसात बिछाई है, भाजपा अब उसका तोड़ कैसे निकालती है, ये देखने की बात है।



मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ के बारे में 

मधु आचार्य ‘आशावादी‘ देश के नामचीन पत्रकार है लगभग 25 वर्ष तक दैनिक भास्कर में चीफ रिपोर्टर से लेकर कार्यकारी संपादक पदों पर रहे। इससे पहले राष्ट्रदूत में सेवाएं दीं। देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आचार्य के आलेख छपते रहे हैं। हिन्दी-राजस्थानी के लेखक जिनकी 108 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। साहित्य अकादमी, दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल संयोजक रहे आचार्य को  अकादमी के राजस्थानी भाषा में दिये जाने वाले सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका हैं। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वोच्च सूर्यमल मीसण शिखर पुरस्कार सहित देशभर के कई प्रतिष्ठित सम्मान आचार्य को प्रदान किये गये हैं। Rudra News Express.in के लिए वे समसामयिक विषयों पर लगातार विचार रख रहे हैं।